15 August स्वतंत्रता दिवस दिन अक्षर स्कूलो में कार्यक्रम रहते है। जिसमे विधार्थीओ द्वारा भाषण दिया जाता है। कही बार अतिथि के तोर पे भी स्पीच देने का सौभाग्य मिलता है। पर काफी लोगो के दिमाग में ये प्रश्न उठता है की स्पीच कैसे दे,आत्मविश्वास से कैसे बोले। यहाँ 15 August Speech In Hindi के इस आर्टिकल को स्वतंत्रता दिवस की स्पीच के आधार पे तैयार किया गया है। आशा है ये आपके लिए मददगार होगा।
15 August Speech In Hindi
फ़ना होने की इजाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मुहब्बत है जनाब पूछ के की नहीं जाती।
यहाँ उपस्थित आदरणीय मेहमान,माननीय आचार्य श्री,सन्माननीय शिक्षक गण एवं मेरे प्यारे विद्यार्थी भाइयो और बहनो।
स्वतंत्रता दिवस के इस पावन अवसर पर अपने विचार व्यक्त करने का मौका प्राप्त करके मुझे हर्ष की अनुभूति हो रही है। दोस्तों आज़ादी के संघर्ष की गाथा बहुत बड़ी है।
इस गाथा को हर साल 15 August स्वतंत्रता दिवस, 26 January गणतंत्र दिवस और गाँधी जयंती जैसे राष्ट्रीय त्यौहार के दिन सुनते है और सुनते है।
15 August स्वतंत्रता दिवस, देश को आज़ादी दिलाने वाले हज़ारो स्वतंत्र सेनानी को याद करने का दिन। हम लोग आज़ादी से जी सके इसीलिए अपनी जिंदगी न्योछावर करने वाले क्रांतिवीरो को नमन करने का दिन। उन्होंने अपने जीवन का बलिदान दिया।
आने वाली पेढिया सुख चेन से जी सके,पूरी स्वतत्रता से जीवन निर्वाह कर सके,इसीलिए अपना जीवन देश को समर्पित किया ऐसे विरो को श्रद्धांजलि देने का दिन है।
व्यापर करने के इरादे से भारत आये अंग्रेजो ने,हमारी कमजोरियों का इस्तेमाल करके धीरे धीरे सबकुछ अपने अधीन कर लिया और हमें गुलामी की जंजीरो में जकड लिया। सोने की चिड़िया कहे जाने वाला भारत ब्रिटिश शासन की कटपुतली बन चूका था।
कही आंदोलन और बलिदान के बाद १५ अगस्त १९४७ को हमें आज़ादी मिली।
करीब 200 साल गुलामी नामके अँधेरे के बाद,15 अगस्त सन 1947 को आज़ादी नामका उजाला देखने को मिला। इसके लिए कही सालो तक तपस्या हुई। कही जिन्दगिया बर्बाद हुई। जिनमे कुछ फूल तो खिलने से पहले मुर्जा गए।
15 August ये देश का राष्ट्रीय पर्व है। जिसे बड़ी धूमधाम और भव्यता के साथ मनाया जाता है। आज न देश में कोई हिन्दू है, ना मुसलमान, ना शिख है ना इशाई, आज देश के लोगो की भावना यही कहती है की हम हिंदुस्तानी है, हम भारतीय है।
हमारा मस्तक उन स्वतंत्र सेनानी ओको याद करके जुक जाता है, जिन्होंने आज़ादी के यग्न में अपने प्राणो की आहुति दी।
or जाते जाते कह गए है। …की खुश रहना देश के प्यारो अब हम तो सफर करते है।
Independence Day Speech In Hindi
आज का ये राष्ट्रीय त्यौहार, हिन्दू ओ के लिए दीपावली से कम नहीं है। मुसलमानो के लिए ईद से कम नहीं है। ईसाई के लिए क्रिसमस से कम नहीं है। शिख के लिए वैसाखी से कम नहीं है। पारसी के लिए नवरोज से कम नहीं है।
स्वतंत्रता दिवस भाषण
15 August के इस राष्ट्रीय उत्सव के दिन, देश के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं। देश के नाम संदेश देते है। पुरे देश में स्कूलों से लेकर दफ्तरों में तिरंगा फहराया जाता है। इस दिन को झंडा फहराने के समारोह,परेड और सांस्कृतिक आयोजनों के साथ पूरे भारत में मनाया जाता है। भारतीय इस दिन अपनी पोशाक,सामान, घरों और वाहनों पर राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित कर इस उत्सव को मनाते हैं।
15 August को स्कूलों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों और भाषण प्रतियोगिताओं का आयोजन होता है। राष्ट्र गीत गाया जाता है। शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है। स्वतन्त्र सेनानियों को याद किया जाता हे। देश के लिए अपनी जान कुर्बान करने वाले हरएक शहीद के सन्मान में हरएक भारतीय का मस्तक झुक जाता है। पूरा देश राष्ट्रप्रेम में रंगा हुआ नजर आता है।
पर अक्षर ये होता रहा है, की जो चीज आसानीसे मिल जाती है, उसकी कीमत नहीं होती है। दोस्तों आज हम यहाँ बेथ के इसकी कल्पना नहीं कर सकते की हमारे पूर्वजो ने फिरंगी ओ से आज़ाद होने के लिए कितने पापड़ पेले होंगे।
हम अज़ादीसे जीवन व्यतीत नहीं कर पाते। अपनी आवाज नहीं उठा सकते थे। कोई कार्यक्रम नहीं कर सकते थे।
अंग्रेजो के अत्याचार के सामने स्वतंत्र सेनानी ओ ने आवाज उठायी। विद्रोह की ज्वाला भड़की। भगतसिंह,शुखदेव,राजगुरु और चंद्रशेखर जैसे शूरवीर युवाओ ने अपने यौवन को राष्ट्र के नाम कर दिया।
महात्मा गाँधी, सरदार पटेल, गोपाल कृष्ण गोखले,लाला लजपतराई जैसे विरो ने जीवन देश को समर्पित कर कर दिया।
अंग्रेज सरकार ने बड़ी यातनाए दी। अत्याचार किया, लोगो को कही सालो तक जेल में रहना पड़ा। लाठिया खायी,सीने में गोलिया खायी, उनकी नीतिओ का विरोध करने वालो को फांसी पे लटका दिया।
पर सरफ़रोशी की तमन्ना लिए हमारे शूरवीर स्वतंत्र सेनानी मरते दम तक संघर्ष करते रहे। देश के विरो ने अपने प्राणो की बाजी लगायी। इसीलिए, 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को आज़ाद करना पड़ा।
आज भी सरहद पे खड़ा हमारा जवान ना ठंडी देखता है,ना गर्मी। ना बर्फ देखता है न बारिस। दिन रात हमारी सुरक्षा में लगा रहता है। और शान से कहता है …..
कीसी गजरे की खुश्बू को महकता छोड़ आया हु,
मेरी नन्ही सी चिड़िया को चहकता छोड़ आया हु।
मुझे छाती से अपनी लगा लेना ऐ भारत माँ,
में अपनी मा की बाहो को तरसता छोड़ आया हु।
तुम मुझे खून दो में तुम्हे आज़ादी दूंगा। कहने वाले सुभाषचंद्र बोस ने अपना सुनहरा कर्रिएर छोड़ दिया।
स्वराज मेरा जन्म सिद्ध अधिकार कहने वाले तिलक हो या,इंकलाब जिंदाबाद का नारा देने वाले भगतसिंह,अशफाकुल्ला खान हो या सरदार पटेल। ड़ॉ राजेंद्र प्रसाद हो या दुनिया को सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले महात्मा गांधी हो।
सभी क्रांतिकारिओं ने ब्रिटिश शासन के अमानवीय व्यवहार के सामने आवाज उठाई। विद्रोह की ज्वाला भड़कायी, क्रांति की आग फैलाई, अथक प्रयास किया। प्राणो की बाजी लगायी।
आज 15 August के दिन देश की आन बान सान के लिए क़ुरबानी देने वाले, कठोर संघर्ष करने वाले शहीदो को देश याद करता है। नमन करता है। और भावपूर्ण श्रद्धांजलि देता है। इस ऐतिहासिक दिन के पे कृतग्नता पूर्वक श्रद्धासे अपना मस्तक उन शहीदों के चरणों में जुक जाता है।
वो देश के सपूत जानते थे की यहाँ उनकी जान जा सकती है। पर माँ भारती की सम्प्रभुता के लिए,आने वाली पेढिया आज़ादी से जीवन बिता सके इसीलिए इन्होने अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
ये सब ने अपने जीवन भारत के लिए समर्पित कर दिया। 15 August 1947 को हमें स्वतत्रता मिल गयी, हम आज़ाद हो गए।
आज हर व्यक्ति स्वतंत्र रहना चाहता है। हर व्यक्ति स्वतंत्रता से जीना चाहता है। पर हम आज महसूस कर रहे है की इसकी अधिकता कभी-कभी नुकशानदेह हो सकती है।
आज़ादी की आड़ में, वाणी स्वतंत्रता के नाम पर कुछ गद्दारो के नारे हम सुन रहे है। भारत तेरे टुकड़े होंगे इंशाअल्लाह इंशाअल्लाह। देश के टुकड़े करने की सोच,देश को बरबाद करने वाली सोच की आज़ादी को कंट्रोल करना चाहिए।
विकास पे पथ पर आगे बढ़कर देश और समाज को दिशा देना ये आज़ादी है। में मेरे देश की संस्कृति की खुश्बू दुनिया में फेलावू ये मेरा कर्त्तव्य है। धर्म और जाती से ऊपर उठकर मानवता की सुवास विश्व में फेलावु ये हमारी स्वतंत्रता है।
आज जरुरत है इस आजादी की कीमत समज ने की…. अपने अधिकार से ज्यादा अपने कर्त्तव्य के बारेमे सोचने की। हमें इस देश से क्या मिला ये नहीं। हम इस देश को संमृद्ध बनाने के लिए क्या दे सकते है ये सोचने की। जमाखोरी,भ्रस्टाचार,कालाबाज़ारी जैसी बीमारियों से छुटकारा पाने की जरुरत है। धार्मिक विडंबनाओं और जातिवाद से ऊपर उठकर भाईचारे से आगे बढ़ने की जरूरत है।
अनेकता में एकता इस देश की शान है, इसीलिए मेरा भारत महान है।
अंत में यही कहना चाहूंगा
कभी वतन के लिए सोच कर देख लेना,
कभी माँ के चरण चुम कर देख लेना।
कितना मज़ा आता है मरने में यारो,
कभी वतन के लिए जान देकर देख लेना।
जय हिन्द , जय भारत
15 August Speech in Hindi के इस आर्टिकल में आप यहां से स्वतंत्रता दिवस के लिए स्पीच तैयार कर सकते है। या निबंध भी तैयार कर सकते है। 15 August के लिए स्पीच तैयार करने में यदि आपको कोई मदद की जरुरत है तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते है। में जरूर मदद करूँगा।
या फिर मेरे आर्टिकल स्पीच कैसे दे, भाषण कैसे लिखे तो आप यहाँ से जानकारी ले सकते है।
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