2 October Speech In Hindi-गाँधी जयंती भाषण

2 October याने गाँधी जयंती, पूरे देश में को गाँधीजी के जन्म जयंती के तोर पे मनाया जाता है। और पूरा विश्व अहिंसा दिवस के तोर पे भी याद रखता है। हमारे देश में 2 October (गाँधी जयंती) के दिन स्कूलों में कार्यक्रम रहते है। बच्चे गाँधीजी के जीवन वर्णन करते है। 2 October Speech In Hindi का ये आर्टिकल गाँधी जयंती भाषण के लिए तैयार किया गया है। आशा है ये आपके लिए मदद गर होगा।


गाँधी जयंती स्पीच  – Gandhi Jayanti Speech

 

2 October Speech In Hindi


 

यहाँ उपस्थित आदरणीय मेहमान गण, माननीय आचार्य श्री, सभी शिक्षक गण एवंम मेंरे प्यारे विधार्थी भाइयो और बहनो।

2dn October 1869 को गुजरात के पोरबंदर में गांधीजी का जन्म हुआ था। आज हम इस दिन को गाँधीजयंती के नाम से राष्ट्रीय त्यौहार मना रहे है। उस महात्मा को याद करके सच्चे मन से श्रद्धांजलि अर्पित करते है। 

2 October गाँधी जयंती हमारे राष्ट्र पिता की जन्म जयंती को 15 August स्वतंत्रता दिवस और 26 जनवरी गणतंत्र दिवस की तरह एक राष्ट्रीय त्यौहार रुप में मनाया जाता है।

मोहनदास गाँधी का शरुआती अभ्यास अपने शहर पोरबंदर में हुआ था। आगे की पढ़ाई के लिए इंग्लैंड जाते है। 

जहा से बेरिस्टर बनके चार साल बाद भारत लौटते है। पर जल्दी ही एक केस के सिलसिले में अफ्रीका जाते है। जहा उन्हें रंग भेद का सामना करना पड़ा, फर्स्ट क्लास की टिकट होने के बावजूद उनको ट्रैन से ढक्का देके उतार दिया गया।
वहा भारतीय मजदूरों के साथ हो रहे अन्याय को देखा। और उनको न्याय दिलाने का संकल्प लिया।

लड़ाई लम्बी थी, दुश्मन हर तरह से जीत ने के लिए सक्षम था। पर बापू के दृढ मनोबल, सत्य और अहिंसा के सामने नतमस्तक होना पड़ा।

गाँधी की ये जित की नोध पुरे दुनिया के अखबारों ने ली। इतना ही नहीं जिस रस्ते से हासिल की उसकी तारीफ और चर्चा पूरी दुनिया में होने लगी।

अंग्रेजो की गुलामी में जी रहे भारतीयों में एक चेतना जगी, एक आशा का किरण गांधीजी में दिखने लगा।

20 साल अफ्रीका में बिताने के बाद भारत में आके देश को स्वतंत्र करने की मुहीम में जुड़ जाते है। अंग्रेजो से अहिंसक लड़ाई तबतक लड़ते रहे जब तक हम आज़ाद न हुए।

देश को आज़ादी दिलाने स्वतंत्र सेनानी के रुपमे उन्होंने अपना जीवन समर्पण कर दिया। अंगेज सरकार के सामने अहिंसक लड़ाई लड़ते-लड़ते कही बार उन्हें जेल जाना पड़ा।

गांधीजी के मनमे एक विचार स्पस्ट था। मानव को मानव का सन्मान मिलना चाहिए। वो स्वतंत्रता से जीवन जीने का अधिकारी है, और वो अधिकार उन्हें मिलना चाहिए। वो मानव किसी भी जाती का हो, किसी भी धर्म का हो, वो काला हो या गोरा हो। दुनिया के किसी भी कोने में रहता हो।

बापू हमेशा कहते थे, किसी भी तरह का विरोध का मार्ग हिंसात्मक नहीं हो सकता। जो ताकत अहिंसा में है वो हिंसा में नहीं है। और यही विचरो के साथ देश को गुलामी के ज़ंजीरो से मुक्ति दिलाई।

इसीलिए रंगभेद और जातीभेद के खिलाफ हमेशा आवाज उठायी है। अफ्रीका में रंगभेद और भारत में जातीवाद ,अस्पृश्यता निवारण के लिए काम किया। भारत के दलितों को न्याय दिलाने के लिए 8 MAY 1933 को 21 दिन तक उपवास किया था। और जीवन भर उनके उत्थान के लिए कार्य किया।  

दिल्ही के हरिजन वास में बिताया हुआ समय,जातीवाद को मानने वालो के मुँह पे तमाचा है। और बापू का अस्पृश्यता के खिलाफ लड़ाई का उत्तम उदहारण है। जीवन भर उनके उत्थान के लिए कार्य किया। मानवता के पुजारी ने अपना पूरा जीवन जनसेवा में समर्पित कर दिया। 

 

Speech on Mahatma Gandhi In Hindi

 

गांधीजी के पुरे जीवन में त्याग और तपस्या देखि जाती है। स्वतंत्रता से जीने का और जीने देने का उनके जीवन का मंत्र था। सन 1919 अहिंसक एवं शांति पूर्ण आंदोलन की शरुआत की थी। हिन्दु मुस्लिम एकता, अस्पृश्यता का अंत एवं स्वदेशी वास्तु ओ का प्रयोग उनके जीवन का लक्ष्य था।

 

महात्मा गांधी उत्तम आत्मा के स्वामी, द्रढ़ व्यक्तित्व के व्यक्ति थे। असाधारण कपडे पहनते थे एवं सादा भोजन करते थे। वह केवल शब्दो पर नहीं, कार्य करने में विश्वास करते रखते थे। जिसका वो उपदेश देते थे उनका अनुसरण भी करते थे। वह सभी के मित्र थे कोई उनका शत्रु नहीं था।

 

2 October के दिन अलग-अलग जाती और धर्म से बना हमारे देशमे गाँधी जयंती एक राष्ट्रीय पर्व के तोर पे मनाया जाता है। नयी दिल्ली में राजघाट पे बापू की प्रतिमा है। जहा गाँधी जयंती के दिन सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओ द्वारा प्रतिमा पे फूलहार पहना के श्रद्धांजलि दी जाती है।

प्राथना सभा का आयोजन किया जाता है, और “रघुपति राघव राजा राम” वैश्णव जन तो तेने रे कहिये” जैसे गांधीजी के पसंदीदा भजन बजाया जाता है।

2nd October देश में ही नहीं पुरे विश्व में अहिंसा दिन के तोर पे मनाया जाता है। अहिंसा के पुजारी, साबरमती के संत ने हमें अंग्रेजो से बिना खून बहाये आजादी दिलाई। इतना ही नहीं बड़े बड़े शस्त्रों के सामने अहिंसा का शस्त्र कितना कारगर है ये दुनिया को समजाया।

और साबित किया की अहिंसा के पथ पर चलकर शांतिपूर्ण तरीके से भी हम कोई भी लड़ाई जीत सकते है। शायद इसीको ध्यान में रखकर सयुक्त राष्ट्र सामान्य सभा द्वारा 15 जून 2007 को घोषित किया गया, की 2 अक्टूबर को विश्व अहिंसा दिन के तोर पे मनाया जायेगा।

 

2 October Gandhi Jayanti Speech

 

राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी की याद में भारत सरकार ने सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। जिसके कारण सरकारी कचेरिया, स्कूल, कॉलेज में एवं गैर सरकारी संस्थान में भी छुट्टी रहती है।

भारत को आज़ादी दिलाने गांधीजी ने ब्रिटिश शासन के खिलाफ काफी आंदोलन किये। जिसमे असहयोग आंदोलन,  नागरिक अवगना आंदोलन, दांडी यात्रा, भारत छोडो आंदोलन और खिलाफत आंदोलन ने ब्रिटिश शासन की निम् हिला के रख दी थी।

सत्य और अहिंसा के रास्ते पर चलके अंग्रेजो को भारत छोड़ने के लिए मजबूर कर दिया। इसे गांधीजी की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय छबि विश्वशांति के प्रणेता के रुप में देखी गयी। आज विश्व का शायद ही ऐसा कोई देश होगा जो गाँधी के बारेमे अनजान होगा।

वहा सुभासचन्द्र बोस द्वारा राष्ट्रपिता और रविंद्र नाथ टैगोर द्वारा महांत्मा की उपाधि दी गयी। जिसे लोगो ने सहर्ष स्वकार किया इतना ही नहीं लोग बापू जैसे प्यारे नाम से भी पुकार ने लगे। 

 

हाल स्थिति मर गाँधी

 

आज भी अस्पृश्यता निवारण हो या जातिवाद को दूर करने की बात हो, स्वच्छ भारत अभियान हो या सरकार के सामने कोई विरोध की बात हो, सत्य और अहिंसा की बात हो, या सादगी और स्वदेशी की बात हो, या प्रेम से दिलो को जितने की बात हो या अन्याय के सामने लड़ने की बात हो की बात हो हमें बापू ही याद आते है। हमें गाँधी ही याद आते है। हमें साबरमती के संत ही याद आते है। 

 

आज भी अन्याय और हक़ के लिए लड़ता कोई भी इन्सान के जब सब रस्ते बंध हो जाते है तब गाँधी ही काम आते है। न्याय पाने के लिए किसी संस्था, आर्गेनाइजेशन या सरकार के सामने ये घोषित कर दे की मुझे न्याय नहीं मिला तो में गाँधी चिंध्या मार्ग से आंदोलन करूँगा। में उपवास पे बैठूंगा।

तो वो कितनी भी बड़ी संस्था क्यू न हो,कितनी भी बड़ी आर्गेनाइजेशन क्यू न हो, सत्ता रुढ़ पार्टी की सरकार क्यू न हो अच्छे-अच्छो के पसीने छूट जाते है। ये हे गाँधी की ताकत, ये है महात्मा के विचारो की ताकत।

हमारे प्रधानमंत्री के नेतृत्व में पुरे देश में स्वछता अभियान चल रहा है। स्वच्छता के पर्यायी हमारे बापू की 150 मी जन्म जयंती मनानी है। भारत को स्वच्छ करके साबरमती के संत को श्रद्धांजलि देने पूरा देश तैयार है।

 

जयहिंद जयभारत

 

2nd October Speech in Hindi के इस आर्टिकल गाँधी जयंती के दिन भाषण तैयार कर सकते है। वैसे गाँधी जयंती भाषण के लिए दूसरा आर्टिकल भी है। वे भी आपको 2nd October के दिन स्पीच तैयार करने में मददरुप हो सकता है।

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