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आत्मनिर्भर भारत पर निबंध – Essay on aatm nirbhar bharat
Aatm nirbhar Bharat Nibandh In Hindi
आत्मनिर्भर शब्द ही सुन्दर लगता है। विश्व की प्रकृति की सुंदरता आत्मनिर्भरता पे आधार रखती है। इसीलिए विश्व सुन्दर दीखता है। न नदियो बहने की अनुमति चाहिए। न बादल को बरसने की। न पुष्प को खिलने की अनुमति चाहिए। न सूरज को सूर्योदय और सूर्यास्त की। न ही च्नद्र को चमकने की अनुमति चाहिए। समुद्र के उछलते मोज़े अपने आप उनकी विशालता का दर्शन कराता है। आत्मनिर्भर बनना हर किसी के लिए गर्वे की बात है। यदि भारत उस दिशा में जा रहा है तो निश्चिन्त हरेक भारतीय को गर्वे होगा।
आत्मनिर्भरता क्या है ?
कोई एक व्यक्ति, कोई समाज, कोई राष्ट्र अपनी जरुरियातो को पूरा करने की क्षमता खुद रखता हो उसे आत्मनिर्भरता कह सकते है। अपनी काबियतो के बल पर अपनी जरुरियातो को पूरा करना, यह है आत्मनिर्भरता।
एक उदहारण
जो व्यक्ति, समाज और देश आत्मनिर्भर नहीं है उसकी स्थिति कैसी होगी।
हमने पैरालिसिस से जकड़े हुए लोगो को बहुत देखा है। बैसाखी या दुसरो के सहारे जीवन बताते लोगो को भी देखा है।
ये लोग जिन्दा तो है। पर उनकी सांसो का आधार दूसरे व्यक्ति पे होता है। एक ऐसा जीवन जो शायद मृत्यु से बेहतर नहीं है।
यहाँ हम आत्मनिर्भर भारत की बात कर रहे है। जी हा दोस्तों तक़रीबन 135 करोड़ की बस्ती वाला भारत। चुनौती बड़ी है, राह आसान भी नहीं है। पर भारतीयों का होंसला उसे मंजिल तक पंहुचा सकता है।
प्रधानमंत्री के द्वारा दिया गया प्रवचन। 20 लखकरोड का पैकेज। ये उनकी इच्छा शक्ति का बेहतरीन उदहारण है।
आत्मनिर्भर भारत अभियान हमारे प्रधानमंत्री जी ने लॉन्च किया। ऐसी परिस्थिति में जब कोरोना विश्व में कहर बरपा रहा है।
हम कितने आत्मनिर्भर है और कितने दूसरे पे निर्भर है यह सबको कोरोनाने शिखाया। जब कोरोना की शरुआत हुई तब हमारे पास मास्क नहीं थे। वेंटीलेटर नहीं थे। PPE किट नहीं थी। सेनेटाइजर नहीं था। कोई दवा नहीं थी। हम दूसरे देश से आयात कर रहे थे।
पर आत्मनिर्भर भारत की और बढ़ता कदम की शरुआत है की आज हम ये सभी चीजे निर्यात कर रहे है।
प्रधानमंत्री की अपील ये भी थी की वोकल फॉर लोकल – सीधे शद्बों में कहे तो स्वदेशी अपनाओ।
हमारे बापू ,महात्मा गाँधीजी का भी यह सपना था की हम स्वदेशी वास्तु ओ का उपयोग करे और देश को मजबूत बनाये। शायद चरखा चलाके कपडे बनाना और पहनना उसी का उदाहरण है।
बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ इंडस्ट्रीज को बढ़ावा देना बहुत जरुरी है। हम छोटे से छोटे खिलोने से लेके बड़ा जहाज और फाइटर प्लान भी बना सके ये व्यवस्था होनी चाहिए।
खास कर उस चीजों पे ध्यान देना चाहिए जो हम आयात करते है। हम आयात करते है इसका मतलब है हमें इसकी जरुरत है और ये हमारे पास नहीं है। ऐसी चीजों के उत्पादन पे विशेष रूप से ध्यान देना चाहिए। जो हमारे देश के लोगो की मांगो को पूरा करे।
हमारे देश में देश और विदेश दोनों की बनीं वस्तु का इस्तेमाल होता है। पश्चिमी संस्कृति अनुकरण विदेशी वस्तु ओका आकर्षण बढ़ता है। और कहिबार पॉलिटिक्स के शिकार लोग स्वदेशी वस्तु ओ का विरोध करते है। जैसे रिलायन्स का जिओ और रामदेव का पतंजलि इसका शिकार बनता रहा है। अंत में नुकशान तो राष्ट्र का ही होता है।
आत्मनिर्भर भारत से क्या लाभ हो सकते है
बीना आत्मनिर्भर बने हम विश्व गुरु के सपने को साकार नहीं कर सकते। हम यदि विश्व को कुछ देना चाहते है, तो हमारे पास होना जरुरी है।
1- बढ़ती टेक्नोलॉजी के साथ औद्योगिक क्षेत्र में क्रांति आ सकती है। नया उत्पादन कर सकते है।
2- औद्योगीकरण बढ़ने के कारण बेकारी, बेरोजगारी और गरीबी भी कम होगी।
3- आत्मनिर्भरता की तरफ का प्रयाण से हमें दूसरे देशो पे निर्भर नहीं रहना पड़ेगा।
4- हमारे देश की आर्थिक स्थिति मजबूत हो सकती है।
5- हम उत्पादन बढ़ाके आयात की जगह निर्यात कर सकते है।
आज पेट्रोलियम उत्पादन से भारत परेशान है। क्युकी हम दूसरे देश पे निर्भर है। इसीलिए भाव में हमेशा बढ़ोतरी होती रहती है।
हमारी सरकार का प्लानिंग उसमे भी आत्मनिर्भरता से आगे बढ़ाने का है। सरकार डीजल और पेट्रोल की जगह बैटरी से चलने वाली गाड़ी को प्रोत्साहन देती है।
हमारे देश में बनती वस्तु के भाव का कण्ट्रोल हमारी सरकार के पास होगा। जिसके कारण प्रजा को महगाई का सामना नहीं करना पड़ेगा।
आत्मनिर्भर कैसे बन सकते है।
हमारी इस्छा शक्ति ही हमें मंजिल तक पहोचा सकती है। जापान में अणु विस्फोट के समय परिस्थितिया बहुत ख़राब थी। ये दुनिया भलीभांति जानती है । पर आज की स्थितिसे भी दुनिया अनजान नहीं है। इसका कारण जापान के लोगो की हमेशा आगे बढ़ने की इच्छा शक्ति और मेहनत है।
हमारा देश भी आत्मनिर्भर बन सकता है। हमारी सरकार और देश जी जनता खंधे से खंधा मिलाके काम करे तो हम मंजिल तक पहुंच सकते है ।
भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कुछ महत्व पूर्ण पहलु पे ध्यान देना जरुरी है।
सबसे पहले देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करना होगा। लॉक डाउन, नोटबॅंधी, GST के कारण टेम्पररी असर जरूर हुआ है। इसे मजबूत करने के लिए हर संभव प्रयाश करने चाहिए ।
बढ़ती पॉप्युलेशन और टेक्नोलॉजी के साथ इंफ्रास्टक्टर को भी बढ़ाना होगा ।
जो खुद का कारोबार कर कर रहे है। उन्हें साहकार देना पड़ेगा। सरकारी बाबुओ की परेशानी दूर करनी पड़ेगी।
पुरे देश में हरेक डिपार्टमेंट में पारदर्शिता आये ऐसी सिस्टम तैयार होनी चाहिए ।
निष्कर्ष
जीवन जीने की स्वतंत्रता आत्मनिर्भरता में छुपी हुई है। आज विश्व आत्मनिर्भर ता के तरफ आगे बढ़ने की कोशिश करता है। हमारे देश का भी यही प्रयाश है। अच्छे काम की शरुआत का समय अच्छा ही होता है। सरकार द्वारा चलाया गया अभियान बेहतरीन है। सही समय पे है। इसे सफल बनाना हम सब की जिम्मेदारी है।