Bhukamp Par Nibandh – भूकंप पर निबंध हिंदी

कुदरती आपदा भूकंप पर निबंध (Bhukamp Par Nibandh) भूकंप को भूचाल भी कहा जाता है। यह निबंध 10 सब्दो से लेके 600 शब्दों का है। आशा है ये आपके लिए मददगार होगा।


 

Earthquake Essay In Hindi – भूकंप एक कुदरती आपदा निबंध


प्रस्तावना

भूकंप एक कुदरती आपदा है। इंसान की शक्ति या  सिमित होती है। कही बार ऐसी आफतो के सामने इंसान लाचार हो जाता है। जिसमे बाढ़, सायक्लोन और भूकंप जैसी परिस्थिति का सामना करना आसान नहीं होता। पर हमारी सजगता से कुछ हद तक इसे कम किया जा सकता है।

 

भूकंप क्यों होते है ?

भू याने धरती, जमीन। कम्प याने कम्पन, ध्रुजारी। दोनों शब्दों को मिलादे तो भूकंप बनता है। याने जब धरती हिलती है धरती में कम्पन्न होता है इसे भूकंप कहते है।

भूकंप का वैज्ञानिक कारन हमें बताया गया है की, धरती के निचे बहुत सारी चीजे है। जिसमे खनिज भी है तरल पदार्ध भी है। धरती के अंदर भी कही घर्षण होते है। घर्षण होने के कारन गर्मी उत्पन्न होती है। जब गर्मी उत्पन्न होती है तो अंदर के प्रवाही पदार्थ जलते है। इसके कारन बाष्प का निर्माण होता है। यह बाष्प पृथ्वी के तरफ प्रेशर करती है, धक्का देती है। इसी धक्के से पृथ्वी हिलने लगती है जिसे हम भूकंप कहेते है।

भारतीय संस्कृति धार्मिक मान्यताओं के साथ भी जुडी हुई है। किसी भी प्रक्रिया का कोई न कोई धर्म से सम्बन्ध रहता है। माना जाता है की पृथ्वी शेष नाग के सर पर है। जब शेष नाग हिलता है तब पृथ्वी हिलती है। और इसे हम भूकंप कहते है। ऐसी बाते छोटे बच्चो को बताई जाती है।

एक मान्यता यह भी है की मनुष्य आध्यात्मिकता से दूर जाता है। भोग में विलीन हो जाता है। मानवता से दूर हो जाता है। पृथ्वी पे पाप बाढ़ जाते है। तब धरती हिलती है। इससे भूकंप होता है और इसमें कही लोगो का नाश होता है।

 

भूकंप कैसे पता चलता है ?

भूकंप होता है तब धरती हिलने लगती है। इसके साथ हमारा शरीर और पैर भी हिलने लगता है। भयानक आवाज होता है। यदि हम घरमे है तो घर के बर्तन गिर सकते है। सीलिंग फैन या लटकाई हुई कोई भी चीज के हिलने से हमें पता चलता है।

भूकंप के तरंगो की तीव्रता नापने के लिए सिस्मोग्राफ नामके यन्त्र का इस्तेमाल होता है। इससे हमें भूकंप की तीव्रता पता चलती है।

 

भूकंप की स्थिति में क्या करना चाहिए ?

यदि हमें पता चले की यह भूकंप है तो सबसे पहले अपने आप को बचाना चाहिए। कोई घर या ईमारत में हम है तो बहार निकल जाना चाहिए। खुले मैदान में चले जाना चाहिए। किसी पेड़ या खम्भे के पास भी नहीं रहना चाहिए।

आज कल नयी टेक्नोलॉजी के साथ मकान बनाये जाते है। इसे भूकंप प्रूफ कहा जाता है। इंजीनियर मकान की डिजाइन इस तरह करता है की यदि भूकंप हो जाये तो भी ईमारत सलामत रहती है। हमें मकान बनाते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए।

 

भूकंप से नुकशान- हानि 

हमने कुछ ही समय में भूकंप देखे है। भूकंप से होने वाले विनाश को नजदीक से देख है। भूकंप के कारन कही घर उजड़ जाते है। पुरे मकान जो मानव ने अपनी पूरी जिंदगी की कमाई से बनाया है वो पल में मिटटी में मिल जाता है। कही लोग अपनी जान से हाथ धो बैठते है। कही लोग अपने परिजनों को गवा देते है। गांव के गांव मलवे में बदल जाते है।

आज मनुष्य की मुख्य जरुरियातो में बिजली है। पर जहा भूकंप होता है वह सरकारी सम्पति को भी इतना नुकशान होता है की बिजली कही दिनों तक नहीं मिल पाती। बिजली के खम्भे उखड जाते है। तार टूट जाते है। इसे ठीक करने में कही महीनो लग जाते है।

समुद्र में यदि भूकंप होता है तो परिस्थिति विकत हो जाती है। इसकी असर पानी पे होती है। इस हलचल से पानी विकरार रूप लेता है। बड़े बड़े मोजे उच्छ्लते है। समुद्र के किनारे सुनामी आजाती है। घर, होटल या कोई भी सम्पदा हो तो इसे बचाना मुश्किल हो जाता है। साथ में अचानक आये आफत में कही लोग अपनी जान गवा देते है।

भूकंप से जो विनाश होता है उसे ठीक होने में कही साल लग जाते है।

 

भूकंप में राहत और बचाव का काम

हमारे देश में आज की स्थिति बेहतर है। यदि हम कुदरती आपदाओं के सामने रहत कामगिरी की बात करे तो यह उत्तम तरीके से होती है। एक तो सरकार ने NDRF ( नेशनल डिजास्टर रिस्पॉन्स फाॅर्स ) का गठन किया है।

लगभग देश के हरेक राज्य में इसकी टीम उपलब्ध होती है। यह टीम कुदरती आपदाओं के समय लोगो को बचाती है। लोगो तक राहत सामग्री पहुचाते है । और आयी हुई आपदा से बहार निकाल ने की कोशिश करते है।

दुनिया भारतकी संस्कृति और मानवता को समझती है। विश्व के किसी भी कोने में कुदरती आपदा होती है तो भारतीय मदद करने पहोच जाते है। ठीक उसी तरह भूकंप जैसी आपदा में भी बहुत सारी गैर सरकारी संस्थान मदद के लिए आगे आते है।

यहाँ गिरे हुए को उठाना हमारा कर्तव्य समजा जाता है। हरेक व्यक्ति अपनी शक्ति के अनुशार मदद करने के लिए तैयार होता है।

 

निष्कर्ष

कुदरती आपदाओं में हमारा हवामान विभाग सक्रिय होता है। बहुत ज्यादा बारिश होने वाली हो या सायक्लोन आने वाला हो तो हमें पहले से बता दिया जाता है। जिसके कारन हम सुरक्षा के कुछ कदम ले सकते है।

पर भूकंप एक ऐसी आपदा है जिसके बारेमे कोई भविष्य वाणी नहीं कर सकता। भूकंप होने के बाद हम किस तरह बच सकते है। दुसरो को बचा सकते है। भूकंप के विनाश से असरग्रस्त लोगो को किस तरह सहाय कर सकते है यही सोचना होता है।

 

Bhukamp Essay In Hindi – भूकंप निबंध

मानव को पृथ्वी पर कई आपदाओं का सामना करना पडता है। इनमे से भूकंप सबसे घातक है क्युकी, भूकंप ने कही लोगो की जान लेली है। भूकंप के दौरान मनुष्य अपना सबकुछ खो देता है। भूकंप का नाम लेते ही मन भय से  कांप उठता है। भूकंप के कारन मानव अवं जिव जंतु सभी दब कर मर जाते है। 

भूकंप से धरती फट जाती है और धरतो कांपने लगाती है। भूकंप कही प्रकार की पीड़ा दे जाते है।

भूकंप से इमारतों और पाइप लाइनों में आग लग जाती है। जब भूकंप होता है तो सब तहस नहस कर देता है। कही प्रकार के उपकरण और इमारतों में आग लग जाती है। महासागरों में सुनामी का कारन भी बढ़ जाता है। समुद्र की उच्ची लहरे समुद्र के निचे आये भूकंप का रुख परिणाम है।

धरती के अंदर अनेकानेक क्रिया चलती रहती है। जिनका पता हमें नहीं चलता। धरती के निचे बहुत गर्मी होती है। जो लावे की तरह बहार निकलती है। जब यह हलचल कम्पन्न की तरह धरती की सबसे ऊपरी सतह को हिलती है। उसे  भूकंप कहते है।

भूकंप के झटके तीन से पांच सेकंड तक महसूस होते है। उसके कम्पन्न को रिएक्टर स्केल से एक से नो तक नापा जाता है। ऐसे भूकंप में बड़ी बड़ी इमारते फट जाती है और धरती फटने लगती है।

पृथ्वी की सतह को हिलने को भूकंप कहते है। यह पृथ्वी के स्थल मंडल के ऊर्जा के अचानक मुक्त हो जाने के कारन होता है। भूकंप का मापन भूकंप मापी यन्त्र से किया जाता है। जिसे सिस्मोग्राफ कहा जाता है।

भूकंप समुद्र के किनारे पर पर्याप्त मात्रा में विस्थापन का कारन बनता है। और सुनामी का कारन भी भूकंप ही है। भूकंप के झटके कभी कभी ज्वालामुखी पैदा कर सकते है।

ऑफिस होटल या जिस भी बिल्डिंग में हो वहां से तुरंत बहार अजाना चाहिए। याद रखे हम जहा खड़े हो वहां पेड़ बिजली के खम्भे या इमारते नहीं होनी चाहिए। अगर आप घरमे हो तो भूकंप महसूस होते ही टीवी फ्रीज़ जैसे सारे उपकरण के प्लग निकल देना चाहिए।

भूकंप के दौरान आप किसी बाजार या भीड़ वाली जगह हो तो बिना देर किये वहां से हट जाये। हमें खुले मैदान में सुरक्षित जगह पहुंच जाना चाहिए।

Earthquake in Hindi Essay – भूचाल हिंदी निबंध

 

भूकंप प्रकृति का एक भयानक रूप है। भूकंप के भरी झटके विनाश कारी होते है। जब पृथ्वी के अंदर तरल पदार्थ बहुत गरम हो जाते है तो उसकी भाप का दबाव बहुत बढ़ जाता है। इस दबाव के कारण पृथ्वी की ऊपरी सतह को धक्का लग जाता है और उस हिस्से की धरत हिल उठती है यह भूकंप का वैज्ञानिक कारन है।

भूकंप की अवधि कुछ सेकंड की होती है। भूकंप के झटको से धरती में दरारे पड़ जाती है। जमीन के फट जाने से कभी कभी पृथ्वी के अंदर का गरम लावा बहार आता है। और जहरीली गैस बहार निकल कर वातावरण में फेल जाती है। भूकंप के भारी झटको से  कही मकान घराशायी हो जाते है। लाखो लोग बेघर हो जाते है। भूकंप की चपेट में आकर पुरे गांव और शहर देखते ही देखते खंडरो में बदल जाता है।

भूकंप की विनाश लीला के बाद राहत कार्य शरू होता है। सरकार तथा सेवाभावी संस्थाए तुरंत राहत कार्य में जुड़ जाती है।

गुजरात के अंजार महाराष्ट्र के कोइना एवं लातूर तथा उत्तर प्रदेश के उत्तर काशी में आये भयानक भूकंप सब ने देख है। उसकी विनाश लीला हम अभी तक नहीं भूले।

 

भूकंप निबंध – short Essay on Earthquake in Hindi

भूकंप का विनाश भयानक होता है। भकंप के साधारण झटके अधिक हानि नहीं पहुचाते। पर भारी झटके विनाश कारी होते है।

जब पृथ्वी के अंदर तरल पदार्थ हीट हो जाते है तब भूकंप होता है। गर्मी से भाप में दबाव उत्पन्न होता है इस दबाव के कारन पृथ्वी को धक्का लगता है तब धरती हिलती है। इसे ही भूकंप कहते है।

पौराणिक मान्यताओं के अनुशार हमारी पृथ्वी शेष नाग के फैन पर तिकी हुई है। शेष नाग के हिलने पर पृथ्वी भी हिलने लगती है। धार्मिक मान्यता है की जब पृथ्वी पर पाप बहुत बढ़ जाते है तब उसके भार से पृथ्वी हिल उठती है।

भूकंप का समय कुछ पल का ही होता है पर पल में ही वह प्रलय मचा देता है। भूकंप के भारी झटको से जमीन फट जाती है। भूकंप के भारी झटको से तबाही मच जाती है। अनेक मकान धराशायी हो जाते है। अपने लोग और पशु मलवे के निचे दबके मर जाते है।

कही लोग बिना घरके हो जाते है। भूकंप के कारन नदियों का प्रवाह तक बदल जाता है। हड़प्पा और मोहेंजो दड़ो की समृद्ध प्राचीन संस्कृति किसी भारी भूकंप का शिकार होने के कारन ही भूगर्भ में विलीन हो गयी।

भूकंप के सामने मानव असहाय है। हमें पिछले कुछ ही समय में बड़े भूकंप देखे है । जैसे  गुजरात के अंजार, महारष्ट्र के लातूर उत्तर प्रदेश में काशी के लोग भूकंप के शिकार हुए है।

 

10 लाइन में भूकंप पर निबंध 

1 – भूकंप एक कुदरती आपदा है।

2 – भूकंप होता है तब धरती का कम्पन्न होता है।

3 – भूकंप की कोई भी भविष्यवाणी नहीं कर सकता।

4 – भूकंप रिक्टर सकल पर सिस्मोग्राफ से नापा जाता है।

5 – भूकंप जब होता है तो विनाश लाता है।

6 – भूकंप में लोगो के जान मॉल का नुकशान होता है।

7 – लोगो के मकान गिर जाने से लोग बेघर हो जाते है।

8 – सरकारी संसाधन जैसे बिजली, टेलीफोन के खम्भे गिर जाते है।

9 – भूकंप जैसी आपदा में NDRF  की टीम मदद और राहत के लिए पहोच जाती है।

10 –  गैर सरकारी संगठन और कही धार्मिक संस्था भी मदद के लिए आगे आती है।

यहाँ हमने छोटे बड़े कुदरती आपदा भूकंप पर निबंध लिखा है। (Bhukamp Par Nibandh) इससे जुड़ा कोई सवाल है तो आप कमेंट बॉक्स में लिख सकते हो।

 

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