Holi par Nibandh In Hindi – विधार्थीओ की परीक्षा का समय नजदीक है। सब परीक्षा की तैयारी में लगे हुए है। किसी भी विषय में निबंध बहुत ही महत्व का भाग होता है। निबंध स्कोर करने में बहुत काम आता है। सुव्यवस्थित ढंग से लिखा गया निबंध निरीक्षक को गुण देने को मजबूर करता है। इसी को ध्यान में रखकर होली पर निबंध लिखा है। आशा है ये आपके लिए मददगार होगा।
Essay on Holi – होली पर निबंध
Holi par Nibandh In Hindi
होली का त्यौहार फागुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। कहते है होली के बाद ठंडी के दिन ख़त्म होते है और गरमी के दिन शरु होते है। हिन्दू धर्म अनेक त्योहारों से भरा है। दीपावली, होली, दशहरा, रक्षाबंधन, जन्मास्टमी जैसे अनेक त्यौहार हमें जीने की नयी राह दिखाते है। होली का त्यौहार भी भाईचारा और मानवता का पाठ पढ़ता है।
होली के दिन सरकारी और गैर सरकारी संस्था में छूती रहती है।
हमारे देश के मुख्य त्योहारों में से एक होली का त्यौहार है। होली का त्यौहार असत्य पे सत्य के विजय का प्रतिक है। दुर्गुण के सामने सद्गुण की जीत का प्रतिक है। अत्याचारी शक्ति के सामने भक्ति की शक्ति के विजय का प्रतिक है।
होली के साथ जुडी पौराणिक कथा
भारतीय संस्तृति में सभी त्योहारों के पीछे कोई विशेष महत्व रहता है। होली के त्यौहार के साथ एक पुराणिक कथा जुडी हुई है। हिरण्याकशिप नामके राक्षस के घर एक पुत्र का जन्म होता है। जिसका नाम प्रहलाद रखा जाता है। हिरण्याकशिप राक्षस जाती के राजा था। उन्होंने अपनी अपार शक्ति के बल से तपस्या की थी। तपस्या से उन्होंने भगवान को प्रसन्न किया था। और अच्छे वरदान भी प्राप्त किये थे।
हिरण्याकशिप को वरदान मिला था, की नातो वो रात में मरेगा ना दिनमे। ना घर के अंदर मरेगा ना घर के बाहर मरेगा। ना शस्त्र से मरेगा ना अस्त्र मरेगा। ना सुके से मरेगा ना लीले से मरेगा। ना पानी से मरेगा ना अग्नि से मरेगा।
एक ऐसा राजा जिसके सामने आवाज उठाने की किसीकी हिम्मत नहीं थी। अपार धन, वैभव और सम्पदा हांसिल थी। ऊपर से अजय होने वाले वरदान प्राप्त हुए थे।
इसके चलते हिरण्याकशिप अहंकारी हो गया। जिस भगवान के पास से वरदान प्राप्त किये उस को ही भूल गया। इतना ही नहीं, अपने आप को भगवान समजने लगा।
किसी भी तरह का घमंड या अहंकार मनुष्य के विनाश का कारण बन सकता है।
ठीक वैसा ही हिरण्याकशिपु के साथ हुआ। पुत्र प्रहलाद भगवान का भक्त था। वो हररोज पुंजा प्राथना करता था। और उनके उपकारो के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करता था।
अपने आप को भगवान समझने वाला हिरण्याकशिपु को ये ठीक नहीं लगता था। अहंकार और अत्याचार की सिमा को लांगने वाला एक पिता पुत्र को मारने का प्रयास करने लगा। अनेक प्रकार से यातनाये देने लगा।
भक्त प्रहलाद को ऊँचे पहाडो से फेंका गया। हथियो के निचे कुचलने की कोशिश की गयी। पर प्रहलाद हरी का नाम लेता रहा और सच्चाई के रास्ते चलता रहा।
हिरण्यकशिपु की एक बहन थी। जिसका नाम था होलिका। होलिका को वरदान था की यदि वो सत्कर्म के लिए काम करेगी तो अग्नि उसे जला नहीं पायेगा। इसी वरदान का लाभ उठाने की कोशिश हिरण्याकशिपु ने की।
एक विकरार आग लगायी गयी। और होलिका को आदेश दिया गया की वो प्रहलाद को लेके अग्नि में प्रवेश करे। और अपनी गोद में लेके बेठ जाये, ताकि प्रहलाद आग में जल जाये। पर हुआ बिलकुल विपरीत। असत्य और अत्याचारी का साथ देने वाली होलिका आग में भस्मीभूत हो जाती है। और सत्य की राह पे चलने वाला भक्त प्रहलाद सलामत रहता है।
होली के त्यौहार का नाम भी होलिका के नाम से ही है। आज भी हम होलिका का दहन करते है। आज एक स्त्री के रूप में होलिका हमारे पास नहीं है। पर होलिका के जैसे कही दुर्गुण हमारे में मौजूद है। होली प्रगट करके उस दुर्गुण को जलाने की कोशिश करते है।
अत्याचार, दुराचार एवम असत्य के सामने हमेशा सत्य की विजय होती है। ये आज भी इतना ही सत्य है जितना हजारो साल पहले था।
होली का त्यौहार हमें क्या सिखाता है ?
होली का त्यौहार हमें पद, प्रतिष्ठा, पावर, या पैसे मिल जाये तो उसका उपयोग कैसे करे ये शिखाता है। भगवान की बनायीं इस दुनिया के लोगो के लिए हम क्या बेहतर कर सकते है। कितना अच्छा कर सकते है। हमारा जीवन किस तरह किसीके काम आ सकता है। हम इन्सान है तो इन्सानियत के साथ जीवन में आगे बढे। यही हमारा होली मनाने का लक्ष्य होना चाहिए।
आज हिरण्याकशिपु को एक अत्याचारी पिता के रूप में याद किया जाता है। सबकुछ होने के बाद भी एक अहंकार ने बुद्धि भ्रस्ट करदी थी। दूसरी तरफ दुःख, दर्द , और कस्ट सहन करने वाले प्रहलाद को आज भी आदर और सन्मान से याद किया जाता है।
होली के दिन सब एक दूसरे को बधाई देते है। सामको होली प्रगट की जाती है। सभी लोग पुंजन करते है। होली के समय में स्पेशल मिठाईया का आहार लिया जाता है।
दूसरे दिन को धुलेटी के रूपमे मनाया जाता है। ये दिन हिरण्याकशिपु के सामने प्रहलाद की जीत का जश्न है। सब एक दूसरे पे रंग लगाके इस त्यौहार की बधाई देते है। और मिठाईया बाटी जाती है।
हमारी फिल्म इंडस्ट्रीज में भी होली का बहुत महत्व है। सब एक दूसरे को होली की बधाई देते है। कही फिल्मो में होली के द्रश्य दर्शाये जाते है। कही गानो में होली के रंग की बौछारे नजर आती है।
होली का त्यौहार हमारे जीवन को बेहतर बनाने की प्रेरणा देता है। और मानव जीवन को रंगो से भर देता है।
होली का निबंध – Holi Festival Essay
Holi par Nibandh In Hindi
होली का त्यौहार भारत देश के प्रमुख त्योहारों में से एक है। यह त्यौहार फागुन महीने की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। दो दिनों का ये त्यौहार हमें बहुत कुछ शिख देता है। इस त्यौहार में हमें भारतीय संस्कृति नजर आती है। जो हमेशा एक दूसरे के साथ मिल जुल कर रहने के लिए जनि जाती है।
होली के दिन हमारे देश के सभी नागरिक एक दूसरे को सुभकामनाये देते है। राजनेता, अभिनेता और सामान्य मानवी भी उसे धूमधाम से मनाता है। रंगो के इस त्यौहार में एक दूसरे को रंग लगाके बधाई देते है। और मिठाई बाटी जाती है।
होली का त्यौहार रंगो और विविधता से भरा है। इसे हरएक राज्यों में अलग अलग तरीके से मनाया जाता है। जिसमे लठ मार होली, मथुरा की होली और वृन्दावन की होली प्रचलित है।
होली का त्यौहार पुराणिक कथा से सम्बन्ध रखता है। प्राचीन काल में एक हिरण्याकशिप नामका एक दुस्ट राजा था। जो अपने आप को भगवान कहलाता था। उनका पुत्र प्रहलाद भगवान् का भक्त था।
उस पुत्र को मारने के लिए बार कोशिश की गयी। पर हरबार वो नाकाम रहा। जिसमे हिरण्याकशिप की बहन का भी सहकार था। होलिका को वरदान था की इसे अग्नि जला नहीं सकती। इसीलिए होलिका प्रहलाद को गोद में लेकर जलती हुई चिता में में बैठ गयी। पर होलिका जल कर भस्म हो गयी और प्रहलाद सलामत रहा।
आज हरेक के मनमे आसुरी वृत्ति के रूप में कही दुर्गुण छुपे है। होलिका का दहन करके उस दुर्गुणों को जलाने का दिन है।
होली हमें शिखाती है,अन्याय के सामने हमेशा न्याय की जित होती है। अधर्म के सामने धर्म की जित होती है। हमेशा सच्चाई के रस्ते पे ही चलना चाहिए। अहंकार और दुराचार हमें विनाश की और ही ले जाता है।
होली के दिन बच्चो मिजाज कुछ अलग ही होता है। पानी से खेलना, गुब्बारे से खेलना, पिचकारी से एक दूसरे को रंग लगाना। मिठाईया का लुप्त उठाना। इस तरह हर्षो उल्लास साथ होली का त्यौहार मनाया जाता है।
Holi par Nibandh In Hindi –
होली हमारा देश का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार फाल्गुन मास की पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है।
होली की बारेमे भक्त प्रह्लाद की कथा प्रचलित है। प्रहलाद के पिता हिरण्यकशिपु एक नास्तिक व्यक्ति थे। जब की पुत्र प्रहलाद भगवन विष्णु का भक्त था। यह बात हिरण्यकशिपु को पसंद नहीं थी। इसीलिए उसमे प्रहलाद को आग में जला देने का निश्चय किया।
हिरण्यकशिपु की बहन होलिका को वरदान मिला था की आग उसको नहीं जला सकती थी। भाई के आदेश पर होलिका प्रहलाद को गोदमे लेकर बैठ गयी । लेकिन होलिका आग में भष्म हो गयी और प्रहलाद बच गया।
आसुरी शक्ति पर देवी शक्ति की विजय हुई। लोगो में आनंद छ गया। तभी से होली का उत्सव का प्रारम्भ हुआ। कुछ लोग होली को रबी की फसल का त्यौहार मानते है। उनके मनाता अनुशार अच्छी फसल होने की ख़ुशी में यह त्यौहार मनाया जाता है।
होली के त्यौहार की तैयार्य कही दिन पहले से शरू हो जाती है।
दुकाने रंगो एवं पिचकारियों से सजाई जाती है। होली जलने के लिए लकडिया इकठ्ठी की जाती है। पूर्णिमा को शाम के समय होली जलाई जाती है।
सुहागन स्त्रियाँ नारियल कुमकुम चावल और नए अनाज से होली की पूजा करती है। होली की दूसरे दिन धुलेटी मनाई जाती है। इस दिन खूब रंग गुलाल उड़ते है। लोग एक दूसरे पर रंग छिड़कते है। और प्रेम से एक दूसरे के गले मिलते है। होली के उत्सव में जाती पाती और धर्म का भेदभाव मिट जाता है।
होली के साथ कुछ हानिकारक परंपरा ये भी जुडी हुई है। होली के अवसर पर कुछ लोग भद्दे गीत गाते है। कुछ लोग रंग के बजाई एक दूसरे पर कीचड़ डालते है। कुछ लोग विषैले रंगो का भी प्रयोग करते है। ये रंग आँखों एवं त्वचा को नुकशान पहुंचाते है। हमें इस बुराइयों से बचना चाहिए।
वास्तव में होली वसंत ऋतु का रंग बे रंगी त्यौहार है। यह हमारे जीवन में उल्लास और प्रेम का रंग भर देता है। सामाजिक एकता उल्लास और उमंग से होली अपने आप में एक अनोखा त्यौहार है।
होली का त्यौहार हमें यही सन्देश देता है की, सारे भेदभाव भूकर एकता के रंग में रंग जाओ।
होली पर निबंध 10 लाइन
1 – होली हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक त्यौहार है।
2 – दो दिन के इस त्यौहार की शरुआत फागुन महीने की पूर्णिमा के होती है।
3 – रंगो के इस त्यौहार में एक दूसरे पे रंग लगाया जाता है।
4 – होली के दिन आग प्रगट करके होलिका का दहन किया जाता है।
5 – बच्चे गुब्बारे और पिचकारी से होली खेलते है।
6 – होली के दिन मिठाईया बात कर एक दूसरे को बधाई दी जाती है।
7 – होली के दिन से ठंडी ऋतु का अंत होता है। और गरमी शरू हो जाती है।
8 – होली का त्यौहार हमें प्रेम और भाईचारे से जीना सिखाता है।
9 – होली हमें शिखाती है की सच्चाई की हमेशा जित होती है।
10 – पुरे भारत देश में ये त्यौहार हर्ष और आनंद उत्साह के साथ मनाया जाता है।
कोरोना वायरस एक वैश्विक महामारी – निबंध
सर आपने होली पर निबंध बहुत ही अच्छे से लिखा
thank you