Sardar Patel Nibandh in Hindi – सरदार पटेल निबंध

sardar patel nibandh in Hindi-  सरदार वल्लभ भाई के जीवन पर निबंध रचना है।  400 वर्ड , 300 वर्ड के निबंध यहाँ से तैयार कर सकते हो । इसके आलावा आप यहाँ से सरदार पटेल के लिए स्पीच तैयार कर सकते हो।


सरदार वल्लभ भाई पटेल हिंदी निबंध – Hindi Essay on Patel

 

प्रस्तावना

सरदार वल्लभ भाई पटेल, भारतीय इतिहास का सुनहरा पन्ना। एक ऐसा कैरेक्टर जिसपे किसी प्रकार का दाग नहीं है। अपना जीवन भारतमाता को समर्पित करने वाले लोखंडी पुरुष। अलग-अलग स्वतंत्रता के आंदोलन से अंग्रेजो की कमर तोड़ने वाले दीर्घदृष्टा याने सरदार पटेल।

सरदार पटेल का प्रारंभिक जीवन

31 अक्टूबर सन 1875 के दिन नडियाद नाम के छोटे शहर में एक बालक का जन्म होता है। पिता जवेर भाई और माता लाड़बाई ने इस बालक का नाम वल्लभभाई रखा था। अपने तीन भाई बहेनो के बाद वो जवेर भाई और लाड़बाई के चौथे संतान थे। भक्तिभाव से भरा हुआ एक आदर्श परिवार में वो बड़े होते है।

स्नातक की पढाई के बाद आगे पढ़ने के लिए लंदन जाते है। बेरिस्टर की पदवी हांसिल करते है। वापस अहमदाबाद आकर एक वकील के तोर पे अपनी कारकिर्दी की शरुआत करते है।

 

सरदार एक स्वतंत्र सेनानी

सरदार पटेल गाँधी के विचारो के चाहक थे। वकिलात के दौरान उन्होंने गांधीजी के बारेमे काफी बाते सुनी। गांधीजी की जीवन शैली, उनके विचार और अचार ये सरदार पटेल पसंद करते थे। उसे अपने आचरण में लाने की कोशिश करते थे।

उस दौरन उन्होंने गांधीजी का एक वक्तव्य सुना, वो प्रेरणा दायक वक्तव्य के बाद जैसे उनका जीवन बदल गया। सरदार पटेल ने थान लिया था की वो गांधीजी जैसे महापुरुष के साथ देश को आज़ाद कराने में अपना योगदान देना है।

सरदार ने अपने जीवन में कही छोटे बड़े आंदोलन किये। उन्होंने गांधीजी की विचारधारा से आंदोलन करके अंग्रेजो की नींद हराम कर दी थी। इस आंदोलन के दौरान कही बार जेल भी गए थे।

सरदार पटेल का सबसे सफल आंदोलन रहा 1928 का बारडोली सत्याग्रह। उस आन्दोलनं ने वल्लभभाई पटेल को सरदार पटेल की उपाधि दी।

किशानो के लिए किया गया ये सबसे बड़ा आंदोलन था। ब्रिटिश सरकार किसानो से 30 % कर वसूलना चाहती थी। अकाल के कारण किसान इतना कर देने के लिए सक्षम नहीं था।
सरदार पटेल ने किसानो को एक जूथ किया, और ब्रिटिश सरकार को जुकना पड़ा।

देश को आज़ाद कराने की एक महत्व पूर्ण भूमिका निभाने वाले सरदारआज़ादी के बाद भी अपनी जिम्मेदारियां बखूबी निभाई।

 

आज़ादी के बाद का जीवन

देश आज़ाद हो रहा था। साथ में एक देश के दो टुकड़े भी हो रहे थे। आज़ाद भारत के लोग चाहते थे की सरदार पहले प्रधानमंत्री बने। पर गांधीजी के के कहने से उन्होंने गृहमंत्रालय संभाला।

सबसे पहला काम इस देश की रियासतों को एक करना था। छोटे बड़े 565 रियासते थी। इस सभी रियासतों साम दाम दंड भेद से एक किया। एक अखंड भारत का निर्माण करने वाले पटेल को अखंड भारत का निर्माता भी कहा जाता है।

 

भारत रत्न सरदार पटेल

इन्सान के कर्म कही नहीं जाते ये सिद्ध है। समय बीतता गया और उन्हें समझने वाले बढ़ते गए। आखिर कार सन 1991 में सरदार पटेल को भारत का सबसे बड़ा सन्मान भारत रत्न से सन्मानित किया गया।

 

स्टैच्यू ऑफ़ यूनिटी

आज एकता का अभिन्न अंग बनके हमारे साथ एक स्टैच्यू के रूप में उपलब्ध है। पुरे देश को एक करने वाले सरदार का स्टैच्यू दुनिया का सबसे बड़ा स्टैच्यू है। गुजरात में नर्मदा के किनारे 182 मीटर की ऊंचाई का स्टैच्यू मंत्रमुग्ध कर देता है।

उनकी जीवन की विशालता का पूरा प्रदर्शन यहाँ रखा है। बेशक ये स्टैच्यू दुनिया का सबसे ऊँचा है पर सरदार के कैरेक्टर से ऊँचा नहीं है।

15 दिसंबर सन 1950 में दिल का डोरा पड़ने से 75 साल की उम्र में उनका देहांत हो गया था।

 

निष्कर्ष –
सरदार पटेल एक प्रेरणादायी जीवन है। ईमानदारी प्रमाणिकता अपने काम के प्रति समर्पण जैसे सभी गुण उनमे थे। आने वाली सदीओ तक सरदार का जीवन प्रेरणास्तोत्र बना रहेगा।

 

लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल – Sardar Patel Nibandh in Hindi

सरदार पटेल हमारे देश के एक महान नेता थे। उनका पूरा नाम वल्लभ जवेर भाई पटेल था। सरदार पटेल का जन्म 31 ओक्टुम्बर 1875 में गुजरात के करमसद गांव में हुआ था।
उनकी प्रारभिक शिक्षा नडियाद में हुई थी। फिर वे इंग्लैंड जाकर बेरिस्टर बने।
भारत लोट कर सरदार पटेल ने वकालत शरू की। उन दिनों गाधीजी अहमदाबाद में रहते थे।
सरदार पटेल गांधीजी के संपर्क में आये उन पर गांधीजी के सत्य और अहिंशा के विचारो का बहुत प्रभाव पड़ा। वे वकालत छोड़कर स्वतंत्रता आंदोलन में गांधीजी के सहयोगी बने। आजादी के आंदोलन में वो कही बार जेल भी गये है। सरदार पटेल के नेतृत्व में बारडोली में सत्याग्रह हुआ। उसमे सफलता मिली और वे सरदार के नाम से प्रसिद्ध हुए।

सरदार पटेल स्वतंत्र भारत ले पहले गृह मंत्री और उप प्रधान मंत्री बने उस समय हमारे देश में छोटी बड़ी 600 रियासते थी। सरदार पटेल ने इन सबको भारत गण राज्य में मिला कर राष्ट्र का महान कार्य किया।

सरदार पटेल एक निडर देश भक्त थे। उनका निश्चय द्रढ़ होता था। इसीलिए उन्हें लोह पुरुष कहा जाता है।
15 दिसंबर 1950 को उनकी मृत्यु हुई थी।

 

सरदार पटेल पे हिंदी स्पीच 

 

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