Speech on Swachhta in Hindi के इस आर्टिकल में हम स्वछता के बारेमे विस्तार से जानेंगे। यदि कोई स्वछता से सम्बंधित स्पीच तैयार करना हो या निबंध तैयार करना हो तो हम यहाँ से कर सकते है।

स्वछता पर भाषण- Cleanliness Speech In Hindi
स्वच्छता शब्द सुनते ही मनमे अलग भाव उत्पन्न होता है। स्वच्छता याने सबकुछ ऐसा होगा जो सबको पसंद आएगा। दुनिया के किसी भी जगह पे किसी भी क्षेत्र में स्वच्छता का मूल्य कभी कम नहीं होता।
दुनिया का हरेक व्यक्ति चाहता है की वो स्वच्छता में रहे। और जहा स्वच्छता होती है वोही जगह हमें सूंदर लगती है। चाहे वो हमारा घर हो या ऑफिस। हमारा गांव हो या देश, स्कूल हो या कॉलेज, हर जगह जितनी स्वच्छ होती है उतनी ही सूंदर और आकर्षक लगती है। स्वच्छता में वो ताकत है की वो सबका मन मोह लेती है।
वैसे Swachhta हमारे जीवन का हिस्सा है। बिना स्वच्छता के जीवन की कल्पना करना मुश्किल है। इसलिए स्वच्छता एक ऐसा विषय है जिसे जीवन के हर एक पड़ाव में हमारे साथ होना जरुरी है। बचपन से लेके बुढ़ापे तक कीसीको भी स्वच्छता के बारेमे शिखना और शिखना अच्छा लगता है।
स्वछता अपनाओ देश में खुशिया लाओ
जब हम बच्चे होते है तो सबसे पहले माता पिता से ये पाठ सीखने को मिलता है। स्कूल में शिक्षक शिखाते है। समाज के लोगो से सीखने को मिलता है। सब ये मानते है की एक योग्य जीवन जीने के लिए स्वच्छता का ज्ञान होना जरुरी है।
स्वच्छता नहीं होने से अनेक प्रकार की बिमारिओ का जन्म होता है। छोटे बेक्टेरिया एवं कीटाणु हमेशा हमारे आसपास होते है। यदि हम खुद स्वच्छ नहीं होते और हमारे आसपास स्वच्छता नहीं रखते तो हमें बीमारिया होने की संभावना है। उसके साथ यदि कोई खुद को स्वच्छ नहीं रखता तो समाज के एक धृणा सी हो जाती है। कोई भी व्यक्ति उसके नजदीक जाने से कतराता है।
Speech on Swachhta in Hindi- स्वछता पर भाषण और निबंध तैयार करे
Swachhta का नाम आये और हम हमारे पूज्य बापू को भूल जाये, महात्मा गाँधी को भूल जाये ये कैसे हो सकता है। गांधीजी का एक सूत्र था, स्वच्छता त्या प्रभुता ‘ गांधीजी को दुनिया बिस्मी सदी के श्रेष्ठ मानवो में गिनती है। वो हमारे बापू स्वछता के आग्रही थे। सत्य और अहिंसा के बाद यदि उनके जीवन से कोई और शब्द जुड़ा है तो वो है स्वच्छता।
भारतीय संस्कृति का सफाई से पुराना नाता है। हमारे त्यौहार और प्रसंग भी हमें सफाई की प्रेरणा देते है। हम रोज बरोज की सफाई करते है है। पर जब हमारे यहाँ दीपावली जैसा त्यौहार हो,या हमारे घर कोई प्रसंग आता है। तब घर के हर एक कोने को हर एक बर्तन को सफाई करते है। हमारी संस्कृति हमेशा स्वच्छता को प्राधन्य देती रही है।
घर की सफाई को लेकर तो हम जागृत है लेकिन, हमारे घर के बहार की सफाई को नजर अंदाज करते है। हमारे यहाँ पुब्लिक प्लेस हमेशा गंदा होता है। कोई भी सरकारी कचेरी हो, बस स्टॉप हो या रेलवे स्टेशन हो। ऐसी जगह पे स्वच्छता को इतना प्राधान्य नहीं देते जितना हमारे घर पे देते है। यहाँ हमें अपने नजरिये को बदलने की जरुरत है।
गंडकी दूर करने की जरुरत है, देश को साफ करने की जरुरत है ।
आपने अक्षर ये देखा होगा की कोई भी पुब्लिक प्लेस के कोने में, सिडिया पे पान मसाला खाके थूकने के निशान जरूर मिलेंगे। कोई शॉपिंग सेन्टर की सीढ़ियों पे थूकने के निशान जरूर मिलेंगे। पर ताजुब की बात ये है की हमारे घरमे भी कोना होता है, सिडिया होती है पर वो कभी ख़राब नहीं होते। ये देश की सम्पति को अपनी सम्पति समझने की जरुरत है।
हमारे यहाँ धार्मिक स्थानों पे सबसे ख़राब हालात होते है। सेकड़ो श्रद्धालु पहोचते है पर स्वछता का ध्यान नहीं रखते। त्योहारों पे मूर्तियों को विषर्जित करने जाते है, वो नजारा भयानक होता है। भगवान की प्रतिमा को कही पे भी विषर्जित करदेना, श्रीफल कही पे भी तोड़ देना, फूलो का हार कही पे भी छोड़ देना। ये एक ऐसा सत्य है जो हमें परेशान करता है और देश में गंडकी फैलाता है।
स्वच्छ भारत अभियान- Swachhta Abhiyan
Swachhta के पुजारी महात्मा गांधी थे ये एक निर्विवाद बात है। और ये तब की बात है जब हमारे देश में अंग्रेज शासन था। 15th अगस्त 1947 को देश आज़ाद हुआ और सबसे बड़ा लोकतंत्र वाला देश बना। आज़ादी के बाद कही सरकार आयी और देश के विकास के काम किये। जिसमे एक काम स्वछता भी है।
हमारा देश स्वच्छ रहे, सूंदर रहे इसीलिए सभी सरकारों ने योजनाए बनायीं। इसके लिए बजट भी रखा गया। सबने अपने कार्यकाल में देश को स्वच्छ और सुनहरा बनाने की कोशिस की।
२ अक्टूबर २०१४ में हमारे प्रधान मंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी ने देश को साफ करने का बीड़ा उठाया। और स्वच्छ भारत अभियान की शरुआत की। 2nd अक्टूबर की तारीख इसीलिए चुनी गयी क्योकि, सफाई के आग्रही हमरे बापू की जन्म जयंती होती है। जिसे हम गांधी जयंती के नाम से जानते है।
स्वच्छ रहेगा भारत, तभी स्वस्थ रहेगा भारत ।
देश में गंगा, यमुना, गोगावरी जैसी अनेक नदिया प्रदूषित हो चुकी थी। देश में काफी परिवारों के पास शौचालय नहीं था। हर शहर में कचरे के ढेर लगे थे। आम जनता के पास इस समस्या से निपटने की जानकारी कम थी।
स्वच्छ भारत अभियान के तहत सभी क्षेत्रो में सफाई का काम आरम्भ हुआ। माननीय प्रधानमंत्री ने जन भागीदारी के लिए आहवान किया। पुरे देश के लोगो ने इसे स्वीकार किया। जानी मानी हस्तिया, फिल्म एक्टर,क्रिकेटर,टीवी सीरियल से जुडी हस्तियाऔर सभी पक्ष के पोलिटिकल लीडर ने उसमे हिस्सा लिया। इससे सामान्य जनता का उत्साह बढ़ता गया और देश साफ होता गया।
गंगा सफाई अभियान के लिए एक मंत्रालय बनाया गया। देश के शहरों में हर एक घर-घर जाके कचरा उठाने की जिम्मेदारी नगरनिगम को दी गयी। जो आज भी बखूबी निभा रहे है। सभी परिवारों को कचरा पेटी का वितरण किया गया। इसमें लीला कचरा सूखा कचरा को अलग रखा जाता है। ये जानकारी हरेक परिवार को दी जाती है।
एक कदम स्वछता की और

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2019 में महात्मा गाँधी की 150 मि जन्म जयंती मानाने का संकल्प था। बापू की 150 मि जन्म जयंती देश को साफ करके मानना था। यही हमारे गाँधी बापू की कल्पना थी की मेरा देश साफ रहे, सूंदर रहे, सब निरोगी रहे और सबका स्वाथ्य अच्छा रहे।
आज देश में Swachhta के प्रति जागरूकता बढ़ी है। मुझे मेरे घर को, मेरे शहर को, मेरे राज्य को और मेरे देश को साफ रखने की जिम्मेदारी मेरी है, हर एक नागरिक की है। ये विचार काफी हद तक लोगो के दिमाग में बेथ गया है। और इसका नतीजा है की मेरा भारत साफ दिख रहा है।
खास कर ग्रामीण इलाको में खुले में शौच करना एक बड़ी समस्या है। जिसके कारण गंडकी फैलती है, बीमारियों और संक्रमण बढ़ता है। लोग रोगो के शिकार बनाते है। बच्चो की छोटी उम्र में मृत्यु हो जाती है।
महिला ओ की सुरक्षा भी संदेह के घेरे में रहती है। उनके साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। आज प्रधानमंत्री की दूरदृस्टि के कारण हरघर में शौचालय है। हरेक पुब्लिक प्लेस पे शौचालय है। जरूर है हम सब इसका इस्तेमाल करे और लोगो को इसका महत्व समजाये।
देश में हरसाल क्लीन सिटी की स्पर्धा (Compaction)होती है। कोनसा शहर सबसे स्वच्छ हे इसके लिए कुछ मापदंड तैयार किया जाता है। उस मापदंड के हिसाब से जो शहर सबसे स्वच्छ है उस शहर को साल का स्वच्छ शहर घोषित किया जाता है। कुछ सालो से ये अवार्ड मध्य प्रदेश के इनडोर शहर के नाम जाता है।
गांधीजी ने कहा था स्वछता स्वतंत्रता से ज्यादा जरुरी है।
सफाई करना ये काम छोटा नहीं होता। सफाई करने वाला इंसान छोटा नहीं होता। ये हमारे प्रधानमंत्री ने कुम्भ के मेले में साबित कर दिया। लाखो की संख्या में श्रद्धालु आये थे पर सफाई कर्मी यो ने जिस तरह काम किया वो कबीले तारीफ था। उन सफाई कर्चारियों के चरण देश के प्रधान मंत्री ने साफ किये।
देश में नहीं दुनिया में ऐसा कोई वाकया नहीं है। ये हमारे देश के लोगो के लिए गर्व की बात है। और इसमें से सीख लेने की जरुरत है। क्युकी, सफाई कर्मी साफ करते है इसीलिए हम स्वछता में रहते है।
उस समय देश में गंडकी और गरीबी दोनों से बापू का दिल दुखता था। अपने जीवन के दौरान हमेशा इसको दूर करने का प्रयास करते रहे। कुछ हद तक सफल रहे। पर ये काम माननीय नरेंद्र मोदीजी उठा लिया।
स्वच्छ भारत मिशन के तहत देश के लोगो को भागीदार बनाया। इतना ही नहीं What’s up, Facebook, Twitter जैसे सोसिअल मीडिया का भी इस्तेमाल किया।
Swachhta हम सब के लिए वरदान है। इसकी जरुरत हम सबको है। इसीलिए, हमें ही सजाग रहना पड़ेगा। देश के हरेक नागरिक की ये जिम्मेदारी है की हमारा देश साथ सुथरा रहे। सरकार योजनाए बना सकती है। इस योजनाओ का बेहतर तरीके से उपयोग हमें करना है। और जो स्वछता के प्रति सजाग नहीं है उसे प्रेरित करना नहीं है।
Speech on Swachhta in Hindi के इस आर्टिकल में स्वछता पे भाषण और निबंध तैयार कर सकते है। स्पीच कैसे तैयार करे, कैसे डिलीवर करे ये जानना है तो यहाँ क्लीक करे। फिर भी यदि भाषण तैयार करने में कोई दिक्कत हो तो मुझे कमेंट बॉक्स में लिख सकते हो।