Varsha ritu Nibandh – वर्षा ऋतु पर निबंध

Varsha ritu Nibandh यहाँ वर्षा ऋतू पे निबंध उपलब्ध है। यहाँ से आप 100 शब्दों से लेकर 800 शब्दों तक का निबंध तैयार कर सकते हो। वर्षा ऋतू का निबंध लगभग हरेक क्लास की परीक्षा में पूछा जाता है। इसे हरेक विधार्थी को तैयार कर लेना चाहिए।


 

Essay on Rainy Season in Hindi  

 

 

वर्षा ऋतु – Varsha Ritu Nibandh

वर्षा ऋतु हमारी छह ऋतु मेसे एक है। वैसे वसंत ऋतु को ऋतुओ का राजा कहा जाता है। ठीक वैसे ही वर्षा ऋतु को ऋतुओ की रानी कहा जाता है। वर्षाऋतु जून महीने के अंत से लेकर सितम्बर तक रहती है। आग ज़रती गरमी की मौसम के बाद वर्षाऋतु का आगमन होता है। वर्षाऋतु सबके लये गरमी की राहत लेके आती है।

बारिश होने की एक प्रक्रिया है। पृथी से पानी भाप के रूप में ऊपर जाता है। गरमी के मौसम में नदी और समुद्र का पानी गरम होता है। यह पानी भाप के रूप में बदलो में बदल जाता है। यही बदल वर्षा के रूप में धरती पर बरसते है। कुदरत की यह प्रक्रिया लगातार चलती रहती है।

हरेक सिक्के की दो बाजु होती है। ठीक वैसे ही वर्षा ऋतु के लाभ और नुकशान दोनों है। सबसे पहले हम वर्षा ऋतु से होने वाले लाभ पर चर्चा करेंगे बाद में नुकशान को देखेंगे।

 

वर्षा ऋतू से लाभ 

यह मौसम पर्यावरण की गरमी को दूर करता है। वातावरण में ठंडक प्रसार जाती है। सब उम्र के लोग वर्षा ऋतु में खूब मस्ती करते है। प्राकृतिक संसाधन जैसे नदिया, तालाव, सरोवर पानी से भर जाते है।

हमारा देश खेती प्रधान देश है। देश में कही बड़े डेम है जिसमे बरसात के पानी का संग्रह किया जाता है। ये पानी बारिश की ऋतू के बाद केनाल के द्वारा किशानो के खेत तक पहुचाहया जाता है। जिससे हमारा किसान और देश दोनों समृद्धि की तरफ बढ़ते है।

वर्षा ऋतू शरू होते ही जानवर एवं पक्षी भी आनंदित हो जाते है। पशु ओ को खाने के लिए लिली घास एवं पिने के लिए पानी मिल जाता है। मोर और दूसरे पंखी अपनी पंख फैलाकर नाचने लगते है।

वर्षा में भीगने की मज़ा ही अलग होती है। बच्चे बारिश का इंतजार करते है। बारिश होते ही बरसात में भीगने चले जाते है। नवजवान बारिश के समय बाइक लेके टहलने निकल जाते है और बेहतरीन मौसम का लुप्त उठाते है।

वर्षा ऋतु शरू होते ही लोग रेन कोट और छाता खरीद लेते है। इससे वर्षा से सम्बंधित सामान बेचने वाले वेपारी का धंधा बढ़ता है।

बारिश में गरमा गरम पकोड़े के आनंद लेने वाले लोग कम नहीं है। लगभग हरेक व्यक्ति बारिश के समय ये लुप्त उठाना चाहता है। और मौका मिलते ही इसमें शामिल हो जाता है।

कही फिल्मोमें बारिश को दर्शाया जाता है। बारिश के सुहाने मौसम में फ़िल्मी गीतों का सूटिंग किया जाता है। जो देखने वाले दर्शको के मन मोहित कर देते है। 

 

वर्षा ऋतू से नुकशान 

वर्षा ऋतु का सबसे बड़ा नुकशान बाढ़ का खतरा। यदि ज्यादा बारिश होती है तो बाढ़ की स्थिति उत्पन्न होती है। हमारे देश काफी राज्यों में बाढ़ की स्थिति बन जाती है। बारिश के पानी का सही निकल नहीं होने से पानी घरो में घुस जाता है। जिसके कारन लोगो का जीवन मुसीबतो से भर जाता है।

सूरज की रौशनी की कमी हो जाती है। भरे हुए पानी में गंडकी हो जाती है। इस कारण बीमारिया  फैलने की सम्भावन बढ़ जाती है। वर्षा में कही प्रकार के कीड़े मकोड़े और मच्छर उत्पन्न होते है। जो मलेरिया जैसा लोग फैलते है। कम धुप एवं गंडकी के कारण बदबू फैलने लगती है। सड़के मैदान सब पानी से भर जाते है। जिसके कारण रोज के कामो में रूकावट होती है।

पर्यावरण के संतुलन हर ऋतु का अपना महत्व है। वर्षा ऋतु सब द्वारा पसंद की जाती है। गरमी के कारन सुकि हुई धरती को जान मिलती है। इस ऋतु में हर जीव जंतु नए जीवन का अनुभव करता है।

वर्षा ऋतु में हमें सूरज की रौशनी बहुत कम मिलती है। आज के समय में वातावरण को बेहतर बनाने के लिए सोलर पैनल का उपयोग बहुत होता है।

जिसमे सोलर पावर या सोलर वाटर हीटर का इस्तेमाल बहुत लोग करने लगे है। ये सोलर पैनल सूर्य प्रकाश से ही चार्ज होती है। यदि सूर्य का प्रकाश ठीक नहीं होगा तो सोलर पैनल का आउटपुट कम हो जायेगा। बरसात की ऋतू में आज ये सबसे बड़ा नुकशान माना जाता है।

निष्कर्ष 

वर्षा ऋतू में हमें लाभ और नुकशान दोनों होते है। पैर कहते है की अकाल से बेहतर अतिवृस्ति है। बारिश से होने वाले गेरलाभ को दूर करने के लिए हम कुछ तैयारियां पहले से कर सकते है।

यदि हम पहले से कुछ तैयारियां करते है तो हमें कम नुकशान झेलना पद सकता है। जैसे हम बीमारियों के सामने लड़ने के लिए अपने शरीर को स्वस्थ रखे, गंडकी न होने दे, हमारा गली महोल्ला साफ रखे, गटर योजना का आयोजन करे। ऐसी चीजे हमें नुकशान से बचा सकती है। और हम बारिश से होने वाले लाभ का मज़ा ले सकते है।


 

 

वर्षा ऋतु निबंध – Varsha Ritu Essay in Hindi

 

प्रस्तावना 

वर्षा ऋतु नाम सुनते ही नजर के सामने आकाश से गिरता हुआ पानी दिखाई देता है। वर्षा ऋतु में बिजली की चमकार और गरजते हुए बादल आने वाली बारिश का संकेत करती है। हमारे सामने बरसती बारिश का बहता पानी नजर आता है।

बरसात में टहकते मोर और मेढक की आवाज हमारे कानो में गूंजने लगती है। ऋतुओ का राजा वसंत जरूर है पर रानी के बगैर राजा अपूर्ण है। प्रकृति का नियम धरती की हरियाली का हमें सही अहेसास वर्षा ऋतू में ही होता है।

 

वसंत और वर्षा ऋतु

कविओ ने ऋतुराज वसंत का बहुत गुणगान किया है। लेकिन हमारे जीवन में विशेष महत्व वर्षा ऋतु का है। क्युकी, हमरे देश में वर्षा ही पानी का मुख्य स्तोत्र है। वसंत को ऋतू ओ का राजा कहा जाता है। और वर्षा को ऋतू ओ की रानी कहा जाता है।

 

वर्षा से पहले की स्थिति

ग्रीष्म ऋतु की प्रचंड गरमी से नदी तालाव सब सुख जाते है। पशु,पक्षी,मनुष्य सब असह्य गरमी से व्याकुल हो जाते है। ऐसी स्थिति में वर्षा ऋतु वरदान बनकर आती है।

बदलो की गड़गड़ाहट एवं बिजली कड़कड़ाहट से वातावरण सजीव हो उठता है। बरसात की पहली फुआर से भीगी हुई धरती की महक चारो और फ़ैल जाती है। काले और घने बादल में चमचमाती बिजली और बदलो के टकराने का आवाज भयानक लगता है।

 

वर्षा का आगमन

बरसात से वातावरण सुहावना हो जाता है। वनो और बगीचों में नाचते हुए मोरे बरसात का स्वागत करते है। पपीहे की पी पी वर्षा ऋतु के वातावरण को और भी आनंदमय बना देती है।

चारो और मेढको की  टर,,,, टर और झींगुरो की जनकार सुनाई देती है। वर्षा का अमृत जल पीकर पेड़ पौधे हरे हो जाते है। और उनपर रंगबेरंगी पुष्प खिल उठते है। देखते ही देखते हर तरफ हरियाली छ जाती है। अक्ष में सप्तरंगी इंद्रधनुष की शोभा देखने लायक होती है।

बरसात का आगमन जान जीवन में नयी उमंग भर देता है। छोटे बच्चे वर्षा के गीत गेट हुए बहार निकल पड़ते है। बच्चे वर्षा के शीतल जल में उछालते कूदते और जी भर कर स्नान करते है।

कुछ बच्चे वर्षा के बहते जल में कागज की नाव तैरते है। गावो में युवतियों का आनंद गीतों के रूप में फुट पड़ता है। किसानो की ख़ुशी का तो ठिकाना ही नहीं रहता।

 

लोगो पर प्रभाव महत्व

भारत कृषि प्रधान देश है। यहाँ खेती ही लोगो का मुख्य त्यौहार है। भारत में खेती का मुख्य आधार बरसात है। संतुलित वर्षा खेती के लिए बहुत उपयोगी है। इससे अच्छी फसल उत्पन्न होती है।

वर्षाऋतु को हमारे देश की अन्नपूर्णा कहा जाता है। कभी कभी अतिवृष्टि से नदिया में बाढ़ आ जाती है। ऐसे समय में जान मॉल का बहुत नुकशान होता है।

वर्षा ऋतु में अनेक विषैले जन्तुओ की उत्पत्ति होती है। जिनके कारन अनेक बीमारिया फैलती है। किन्तु इससे वर्षाऋतु का महत्व कम नहीं होता। बारिश में उफान मारती नदिया का दृश्य रमणीय और भयानक होता है। 

हमारे देश की पोप्प्युलेशन बहुत ज्यादा है। इसीलिए बांधकाम चलता रहता है। बारिश के समय में पानी के निकल के लिए सही गटर योजना नहीं है तो ऐसे में पानी लोगो के घर के अंदर घुस जाता है।

 जब अतिवृति होती है तो मानव पशु पंखी सबका जीना हराम हो जाता है। पहाड़ो के निचे रहने वाले लोग ज्यादा भयभीत रहते है। क्युकी मति का स्खलन होने से कही लोग और मकान माटी में दब जाते है। 

हरसाल जहा जायदा बारिश होती है वहां हमारी सरकार मदद के लिए पहुंच जाती है। हमारे देश में ऐसी स्थिति से निपटने के लिए स्पेशल NDRF(National Disaster Response Force) टीम तैयार रहती है।

NDRF की टीम रहत और बचाव के कार्य में लग जाती है। हमारे मौसम विभाग के अनुमान के हिसाब से कही लोगो को स्थारान्तरित भी किया जाता है।

 

वर्षा ऋतु से प्रेरणा 

वर्षा ऋतू से पहले असह्य गरमी होती है। गरमी के कारण पृथ्वी के सभी जिव परेशान हो जाते है। सब ये उम्मीद लगाए  होते है की वर्षा आये और सभी जीवो की परेशानी दूर करे।

ऐसे समय में वर्षा का आगमन अमृत से कम नहीं होता। हमारा जीवन भी ऐसा होना चाहिए के हम किसी की परेशानी में सहारा बने। हमारा जीवन निश्वार्थ किसी के हदय को ठंडक पहुंचने वाला बने। वर्षाऋतु हमें प्रेरणा देती है की हमारा जीवन परोपकारी बने।

  

निष्कर्ष 

हर एक सिक्के की दो बाजू होती है। कही लाभ होता है तो कही नुकशान होता है। वर्षाऋतु से हमें होने वाले नुकशान लाभ की तुलना में नगण्य है। बिना जल के जीवन आशम्भव है। जल तो हमारा जीवन है और यह हमें बरसात से ही मिलता है। इस प्रकार वर्षाऋतु जीवन देने वाली ऋतु है। यह हमारे जीवन का मुख्य आधार है। 

 

 

मेरी प्रिय ऋतू वर्षा ऋतु 

 

 

वर्षा ऋतु पे 10 लाइन निबंध 

 

1 – वर्षा ऋतु को ऋतुओ की रानी कहा जाता है।

2- हमारे देश में वर्षाऋतु जुलाई से सितम्बर तक होती है।

3- वर्षा ऋतु गरमी से ट्रस्ट सभी जिव की परेशानी दूर करती है।

4- वर्षा ऋतु से मौसम सुन्दर और सुहाना हो जाता है।

5- पहली बारिश में धरती महकने लगती है।

6- बारिश के आने से किसान और पशु पंखी आनंदित हो जाते है।

7- मोर और मेंढक के साथ कही पशु पक्षी अपने टहूके करने लगते है।

8- बच्चो को बारिश में नाहने में और मस्ती करने में मज़ा आता है।

9- ज्यादा बारिश होती है तो कीचड़ और बीमारिया बढ़ जाती है।

10- जल ही जीवन है, इसीलिए बारिश के जल का हमें संग्रह करना चाहिए।

 

Varsha ritu Nibandh के इस आर्टिकल से आप वर्षा ऋतू पे निबंध तैयार कर सकते हो। कोई भी कक्षा के विधार्थी अपनी जरुरत के अनुशार निबंध तैयार कर सकता है। वर्षा ऋतू के आलावा भी निबंध तैयार करना है तो उसकी लिंक निचे दी गयी है, आप यहाँ से तैयार कर सकते हो।

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