Vriksharopan Nibandh In Hindi – वृक्षारोपण निबंध

यहाँ वृक्षा रोपण पे निबंध (Vriksharopan Nibandh In Hindi) लिखा है। आशा करता हु ये सभी कक्षा एवं  कॉलेज के विद्यार्थीओ  के लिए उपयोगी होगा।


वृक्षारोपण निबंध – Vriksharopan Nibandh In Hindi

प्रस्तावना

मानव जीवन वृक्ष के बिना लगभग असंभव है। वृक्षारोपण एक ऐसी प्रक्रिया है जो वृक्षों को जिवंत रखती है। आज के औधोगिक विकास की रफ़्तार में यह बहुत जरुरी है। आज दुनिया ग्लोबल वार्मिंग की बड़ी समस्या के सामने जुज रही है। इसके सामने सबसे अच्छा और कारगर उपाय वृक्षा रोपण है।

 

वृक्षों  का महत्व 

भारतीय संस्कृति में वृक्षो का विशेष महत्व है। इसकी देवता ओ के सामान पूजा की जाती है। वृक्ष हमारी वर्षा में अधिक जल बरसाता है।  तथा ग्रीष्म में सूर्य ताप से रक्षा करते है। जैसे माता पिता अपने बच्चो की रक्षा करते है। आज भी पीपल के वृक्ष की देवता की तरह पूंजन – अर्चन किया जाता है। पेड़ो को काटना पाप समजा जाता है। वृक्ष में भी वासुदेव के दर्शन करने वाली हमारी संस्कृति है।

वृक्ष का महत्व हमने कोरोना की महामारी दिखा। कोरोना की महामारी में हमें ऑक्सीज़न की कमी को महसूस हुई। कही लोगो को अपने प्राण ऑक्सीज़न की कमी के कारन गवाने पड़े। सबसे ज्यादा ऑक्सीज़न प्रदान करने वाले पेड़ो में पीपल का वृक्ष माना जाता है। ऑक्सीज़न की कमी के कारन पीपल के पेड़ की नीचे सोते हुए लोगो को भी हमने देखा। हमें विदेशो से ऑक्सीज़न मंगवाना पड़ा।

यदि इस महामारी के बाद भी हम वृक्षों की कीमत नहीं समझेंगे। तो अभी हमने अपने स्वजन गवाए है।ho सकता है खुद को भी गवाने का समय आये।

 

वृक्षों की कटाई 

विकास के काम देश में हर जगह हो रहा है। बढ़ती जनसँख्या के कारन कही चीजे जरुरी भी है। नए रोड रस्ते ओवर ब्रिज  के बांधकाम के कारण वृक्ष की कटाई करनी पड़ती है।

आद्योगिक करण के नविन वैज्ञानिक युग में ये सारी बाते सिर्फ बाते रह गए है। जन संख्या  वृद्धि के साथ साथ वन का स्थान कारखाना और फैक्टरी ने लिया। वृक्षों को निर्दयता से काटा जा रहा है।

जिन वृक्षों की शीतल और सुखद छाया में थका राही विश्राम करता है। वही अब फ़ैक्टरिया है। वृक्षों की कमी होने लगी।  जिससे ऑक्सीज़न कम मिलने लगी।  लोगो के स्वास्थ पर दुष्प्रभाव पड़ने लगा। इस बातो को ध्यान में रखकर भारत सरकार ने 1950 में वन महोत्सव की योजना का कार्यक्रम प्रारंभ किया। जगह जगह नए वृक्ष लगने का कार्य प्रारंभ हुआ।

 

वृक्षारोपण (Vriksharopan) में सरकार का प्रोत्साहन 

1950 के वन महोत्सव की योजना में धीरे धीरे शिथिलता लगी। परन्तु वृक्षों की महत्वता को देखते हुए अब देश भर में वृक्षारोपण का कार्यक्रम होता है। सरकार की और से यह कार्य स्थानीय निकायों को सौंप दिया गया। तभी से यह वृक्षा रोपण का कार्य विद्यालयों में लगभग प्रत्येक वर्ष में जुलाई मास में होने लगा।

12 नवम्बर 1976 को केंद्र सरकार ने सभी राज्य सरकार को एक निर्देश भेजा था।  यह निर्देश में केंद्र सरकार की अनुमति के बिना जंगल की सफाई एवं कटाई नहीं की जा सकती।

जंगलो की कटाई के लिए केंद्रीय कृषि एवं सिंचाई मंत्रालयों के वन विभाग के निरीक्षक से पूर्व अनुमति प्राप्त करनी जरुरी होगी। पर आज इस नियमो को कही जगह अनदेखी होती है। जंगल से महगी लकड़ी की चोरी करने वाले कही बार पकड़ा जाते है। कही बार जंगल से जुड़े कर्मचारियों की मिलीभगत से भी जंगल की कटाई होती है।

 

वृक्ष प्रकृति की सुंदरता 

वृक्ष प्रकृति की सुंदरता बढ़ता है। वृक्ष के ऊपर कही पंखीओ का ठिकाना रहता है। वृक्ष पे बैठे हुए पंखीओ का कलरव आनंदित कर देता है।जहा कही भी वृक्ष देखते है तो हरियाली लगती है।

अलग-अलग वृक्ष के पत्ते, फल एवं लकड़ी मनुष्य के उपयोग में आता है। नदी और गावो में तलाव के किनारे लगे वृक्ष से रमणीय और मनमोहक दृश्य लगता है। हर धार्मिक स्थल पर बड़े बड़े वृक्ष होने शीतल छाया प्रदान करता है। वृक्ष की छाया हर किसी को ठंडक देती है।

 

स्कूल में वृक्षा रोपण (Vriksharopan) का कार्यक्रम 

लगभग हरेक स्कूलों में वृक्ष रोपण का कार्यक्रम आयोजित होता है। ये एक बाहर बड़ा काम है। हर साल जुलाई महीने में विद्यालयों में इसका आयोजन किया जाता है। इसमें विधार्थी एवं शिक्षक गण बढ़ चढ़कर हिस्सा लेते है।

सरकारी कर्मचारी एवं नेता ओ द्वारा वृक्षारोपण (Vriksharopan)

हर साल सरकारी कर्मचारी जिस शाखा में काम करते है वहा भी एक दिन यह कार्य क्रम का आयोजन होता है। पोलिटिकल लीडर के लिए यह मौका फोटो खिचवाने का होता है। हरसाल हम नेताओ को वृक्षा रोपण करते हुए कही फोटो देखते है। कही हद तक ये ठीक भी है, इससे लोगो में जागरूकता बढ़ती है। और नेताओ को देख आम आदमी भी वृक्षा रोपण में अपना योगदान देता है।

गैर सरकारी संस्थान वृक्षा रोपण में ज्यादा एक्टिव दिखाई देते है। औद्योगिक एकमो में अच्छे आयोजन से वृक्षा रोपण किया जाता है। फैक्ट्री की Compound  वाल के चारो तरफ वृक्षों का रोपण किया जाता है। फैक्ट्री के अंदर भी जहा उचित हो ऐसी जगह वृक्षा रोपण किया जाता है।

 

वृक्षा से होने वाले  लाभ

  •  वृक्षों से हमें ऑक्सीज़न मिलता है। कार्बन डायोक्साइड अपने में ग्रहण करता है। याने वृक्ष प्रदुषण रोकता है।
  •  आयुर्वेदिक अवषधिया बनाने के लिए वृक्षों का उपयोग होता है।
  •  वन से बहुत उपयोगी गोंद प्राप्त होती है।
  •  वृक्षों के लकड़ी से मकान बनाने की सामग्री बनती है।
  •  वृक्ष वावो वरसाद लावो, ये वृक्ष से ज्यादा बरसात होती है।
  •  वृक्ष की लकड़ी से घर का फर्नीचर बनाया जाता है।
  •  वृक्ष के पत्ते कही जानवरो के लिए खोराक है। याने पशुओ के लिए घास चारा मिल सकता है।
  •  वृक्ष से वातावरण को शुद्ध करता है।
  •  कागज बनाने के लिए वन की लकड़ी का ही इस्तेमाल होता है।
  •  वृक्ष की किम्मत धुप में ज्यादा होती है। वृक्ष की छाया हमें ठंडक प्रदान करती है।
  •  कही औद्योगिक एकमो में लकड़ी का इस्तेमाल होता है। यह उद्योग के कारन बेरोजगारी कम होती है।
  •  वन में कही जड़ी बुटिया उपलभ्ध होती है। ये औषधि के लिए उपयोग होती है।
  •  वृक्ष वन्य प्राणियों के लिए अपना ठिकाना है। हमें वन्य प्राणियों को सुरक्षित रखने के लिए भी वृक्षों का रोपण करना चाहिए।

 

वृक्षा रोपण निबंध – Short Vriksharopan Essay in Hindi

 

प्राचीन काल से ही वृक्ष मनुष्य के मित्र रहे है। वृक्षों से मनुष्य को अनेक लाभ होते है। हमारे देश में पिछले कही वर्षो में वृक्षों की अंधाधुंध कटाई होती रही है। इसके कारण आज बड़े बड़े जंगल साफ हो गए है। और वृक्षों की सधनता में बहुत कमी आ गयी है। वृक्षों के आभाव से वर्षा की मात्रा कम हो गयी है। अब ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाने की कोशिश की जाती है। वृक्षा रोपण को एक पुण्य काम माना गया है।

वृक्षों के बढ़ने और फैलने फूलने से निर्जन स्थान भी हरेभरे हो जाते है। वृक्षों की शीतल छाया गरमी में सुख शांति प्रदान करती है। वृक्षों से हमें कागज, दिया सलाई,गोंद ,लाख तरह तरह की दवाईया और तेल प्राप्त होते है।

वृक्षों से वायु मंडल शीतल एवं शुद्ध रहता है। नदी के किनारे लगाए गए पेड़ उसके किनारे के कटाओ को रोकते है। सडको के किनारे पेड़ लगाने से सड़को की शोभा बढ़ती है। और मुसाफिरों को छाया मिलती है।

वृक्षा रोपण हमारा परम कर्त्तव्य है। वृक्ष रोपण द्वारा प्राणी जीवन को स्वस्थ सुन्दर और सुखमय बनाया जाता है। इसीलिए प्रतिवर्ष वृक्षा रोपण को एक महोत्सव के रूप में मनाकर हमें प्रकृति का आशीर्वाद मानना चाहिए।

वृक्षों पे हमारी आर्थिक समृद्धि भी तिकी हुई है । वृक्षों से बनने वाली कही ऐसी चीजे है, जिसे हम निकास करते है। इसीलिए वृक्ष हमारे देश की नैतिक सामाजिक अवं आर्थिक समृद्धि है। इस कारण से भारत सरकार ने वृक्ष काटने पर प्रतिबन्ध लगाया है। वृक्ष सचमुच हमारे मित्र है।

हमारे जन्मदिन पर एक वृक्ष लगाने का हमें संकल्प लेना चाहिए।

 

10 लाइन वृक्षारोपण (Vriksharopan) पर निबंध 

 

1 – वृक्ष हमारे परम मित्र है।

2 – भारतीय संस्कृतिमे वृक्ष का बड़ा महत्व है।

3 – हमारी संस्कृतिमे वृक्ष में वसुदेश और में रणछोड़ का दर्शन किया जाता है।

4 – वृक्ष हमें ऑक्सीज़न प्रदान करता है।

5 – वृक्ष की लकड़ी में से कागज गोंड जैसी उपयोगी वस्तुओ बनती है।

6 – विद्यालयों में हर साल जुलाई महीने में वृक्षा रोपण का कार्यक्रम होता है।

7 – प्रदुषण दूर करने में वृक्ष का काम अति उत्तम है।

8 – वृक्ष पशु पक्षिओ के लिए उपयोगी है।

9 – वृक्ष प्रकृति का सौंदर्य है।

10 – वृक्षा रोपण करना हमारा कर्त्तव्य है।

 

यहाँ एक अच्छे निबंध लिखने की विनम्र कोशिश है। वृक्षा रोपण  ( Vriksharopan Nibandh In Hindi ) निबंध आशा ये आपके लिए मददगार होगा।

 

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